
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान नवप्रित सिंह से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन,षोडशोपचार पूजन,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा कि मानव शरीर भगवान के चिंतन और भजन के लिए बना है। भगवान के भजन से मानव शरीर से परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। नवजीत भारद्वाज जी ने गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई का अनुसरण करते हुए कहा कि
*जेहि जानें जग जाइ हेराई। जागे जथा सपन भ्रम जाई।।*
*बंदउं बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू।।*
अर्थात्-मरूभूमि क्षेत्र में सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से लगता है कि दूर में बहुत जल है और प्राय: हिरणें उस भ्रम के शिकार होते हैं, दौड़ते-दौड़ते थक जाते हैं लेकिन उस आभासी जल अर्थात् मृगतृष्णा के पास नहीं पहुंच पाते हैं।
हिरणें उस मृगतृष्णा को जल समझ कर उस और दौड़ जाते हैं पर यदि मनुष्य को कहा जाए कि उस मृगतृष्णा अर्थात् आभासी जल भंडार से एक घड़ा जल ले आओ तो वो व्यक्ति हंसने लगेगा। कारण उसे ज्ञात है कि वह जल नहीं बल्कि मृगतृष्णा है, उससे प्यास बुझाने की कोशिश व्यर्थ है। ठीक उसी प्रकार जिसने राम जी को जान लिया उसके लिए ये संसार तुच्छ लगता है। जो भगवान के नाम का रट लगाकर भजन करेगा, भगवान की भक्ति उसे मिलेगी और उसको भगवान से साक्षात्कार होगा।
नवजीत भारद्वाज जी मां भक्तों को चौपाई के माध्यम से भगवान के चरणों से जोड़ते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई का अनुसरण करते हुए कहते है कि
*सोई जानहिं जेहि जनाई। आ जानत तुमहि, तुमहि होई जाई*
*तुम्हरिहि कृपाँ तुम्हहि रघुनंदन, जानहिं भगत-भगत उर चंदन*
अर्थात्- भगवान को वहीं जान पाते है जिसे भगवान स्वयं जानने देते हैं। और जो भगवान को जान लेता है तो भगवान और भक्त एकाकार हो जाते है। भगवान ही भक्तों के हृदय में शीतलता प्रदान करते है। इसी शीतलता की कृपा से ही भक्त भगवान को जान पाता हैं।
प्रवचनों को विराम लगाते हुए अंत में नवजीत भारद्वाज कहते है कि इन चौपाईयों द्वारा भगवान राम की असीम कृपा और भक्तों के साथ उनके संबंध को दर्शाती है। यह भक्त की भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा को भी व्यक्त करती है।
आज सुबह से ही भारी बरसात के बावजूद *भक्तों की आस्था का सैलाब बरसात पर भारी* रहा।
असंख्य भक्तजन अलसुबह से ही अपनी अराध्य मां बगलामुखी जी के निमित्त सप्ताहिक सामुहिक दिव्य हवन यज्ञ में उपस्थित दर्ज करवा रहे थे।
इस अवसर पर सरोज बाला,विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, अनु अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अमृतपाल, प्रदीप , दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, जानू थापर,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी, कमलजीत,बावा खन्ना, धर्मपालसिंह, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत,मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप,परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार, अभिषेक भनोट, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन भी मदिंर परिसर में किया गया।